Home Loan – जब आप होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो उसके लिए सही टेन्योर चुनना बहुत जरूरी है. क्योंकि Home Loan का टेन्योर उसकी मंथली ईएमआई निर्धारित करता है. ऐसे में अगर ज्यादा लंबा टेन्योर चुनते हैं तो उसकी ईएमआई कम होगी लेकिन आपको उस पर ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ सकता है. वहीं छोटा टेन्योर चुनने पर आपकी ईएमआई ज्यादा होगी जिससे हर महीने आपका बजट प्रभावित हो सकता है |
सही फाइनेंशियल प्लानिंग के बिना होम लोन ऐसा बड़ा कदम जो आपकी ओवरऑल वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है. आइए जानते हैं कि आप होम लोन के लिए सही टेन्योर कैसे चुन सकते हैं, जो आपके ऊपर बोझ न बनें और ना ही आपको बहुत ज्यादा ब्याज चुकाना पड़े |
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
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अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्याकंन करें
Home Loan के लिए टेन्योर चुनने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्याकंन करना जरूरी है. इसके लिए आपको अपनी मासिक इनकम, हर महीने होने वाले खर्च और आने वाले समय के बड़े खर्चों और बचत को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग करनी चाहिए. आपको होम लोन रिपेमेंट के लिए वह टेन्योर चुनना चाहिए जो आपके बजट पर दबाव डाले बिना ईएमआई का भुगतान सुनिश्चित कर सके | इस तरह आपको अपनी पेमेंट कैपेसिटी जानने में मदद मिलेगी और आप होम लोन रीपेमेंट के लिए सही फैसला ले सकेंगे |
क्या करें कि बोझ ना बनें ईएमआई?
अगर आप Home Loan के रिपेमेंट के लिए लंबे टेन्योर का ऑप्शन चुनते हैं तो आपकी मंथली ईएमआई कम हो जाती है. इसे आप आसानी से मैनेजे कर सकते हैं. इस ऑप्शन को आपको तभी चुनना चाहिए जब आपका मासिक बजट सीमित हो या आपके बाकी खर्च ज्यादा हों|क्योंकि लंबी टेन्योर का मतलब यह है कि आपको उस पर ब्याज भी ज्यादा चुकाना पड़ेगा. वहीं अगर आपकी मंथली इनकम ज्यादा है और आप जल्दी लोन से मुक्त होना चाहते हैं तो आप शॉर्ट टर्म टेन्योर को चुन सकते हैं. इससे आपको होम लोन पर ओवरऑल कम ब्याज चुकाना पड़ेगा |
टेन्योर और ईएमआई के बीच बैलेंस बनाना जरूरी
Home Loan रिपेमेंट के लिए ईएमआई और लोन टेन्योर के बीच सही बैलेंस बनाना बहुत जरूरी है| आपको ऐसा टेन्योर चुनना चाहिए जो बाकी खर्चों को प्रभावित किए बिना होम लोन का रिपेमेंट करने में मदद कर सके. टेन्योर और ईएमआई राशि के अलग-अलग एडजस्टमेंट का मूल्यांकन करने के लिए आप ऑनलाइन ईएमआई कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं. इसके अलावा आपको लोन की ब्याजदर, प्री पेमेंट ऑप्शन लोन टेन्योर के दौरान आपकी इनकम में संभावित बदलाव आदि चीजों को भी ध्यान में रखना चाहिए |
सालाना बोनस का करें स्मार्ट यूज
हर कंपनी में सालाना बोनस तो मिलता ही है. कहीं-कहीं इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है, जैसे वैरिएबल पे, इंसेंटिव आदि. ये पैसा पूरे साल का एक साथ जोड़कर मिलता है, जिससे यह अमाउंट काफी ज्यादा हो जाता है. अगर आप एक साथ 1.5-2 लाख रुपये मिलते हैं तो आप उसका इस्तेमाल अपने होम लोन का प्री-पेमेंट करने में करें| इससे आपके होम लोन की बकाया राशि कम हो जाएगी, जिससे आप या तो अपनी ईएमआई कम करवा सकते हैं या फिर लोन चुकाने की अवधि को कम करवा सकते हैं| ये आपका फैसला होगा कि आपको क्या करना है. कोशिश करें कि हर साल अपने होम लोन का कुछ प्री-पेमेंट जरूर करें, जिससे आपको फायदा होगा.
ध्यान रखें ये बात
अगर आप Home Loan लेने की सोच रहे हैं तो ईएमआई इतनी भी ज्यादा ना बढ़वा लें कि आपको उसे चुकाने में दिक्कत हो| आम तौर पर होम लोन की एमआई आपकी इनहैंड सैलरी के 20-25 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अगर आप अकेले हैं और कोई जिम्मेदारी नहीं है तो शुरुआती दौर में आप 30-35 फीसदी तक के बराबर ईएमआई रख सकते हैं, लेकिन उससे ज्यादा ना रखें. जब जिम्मेदारियां बढ़ें तो अपने होम लोन की रीस्ट्रक्चर करवा लें, जिससे आप अपनी सहूलियत से लोन का भुगतान कर सकें |